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बुधवार, 30 जुलाई 2025

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) खरीफ़ 2025के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है/ PM Fasal Bima Yojana 2025 - Kisan Yojana Online Apply

 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) खरीफ़ 2025के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है:

📅 1. पंजीकरण एवं महत्वपूर्ण तारीखें

किसानों को खरीफ़ फसल बीमा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025है। यह ज़रूरी है कि सभी किसान इस दिन तक पंजीकरण कर लें, ऑनलाइन, CSC या कृषि कार्यालय से  आप बीमा करवाना चाहते हैं, तो 31 जुलाई तक अपना आधार e‑KYC किसानों के बैंक/बीमा शाखा या ऑनलाइन अपडेट कराना अनिवार्य है। अन्यथा, मुआवजा मिलने की संभावना नहीं रहती यदि आप बीमाकृत फसल में परिवर्तन करना चाहते हैं, तो वह करने की अंतिम तिथि 29 जुलाई 2025 है 

🧾 2. पात्रता और लाभार्थी

 योजना जमींदार किसानों, पट्टेदारों, बंटाईदारों सहित सभी प्रकार के किसान*ों के लिए उपलब्ध है, बशर्ते वे सरकार द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में फसल उगा रहे हों पट्टेदार किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते जमीन मालिक से अनुमति प्राप्त कर ली हो  केंद्र और राज्य सरकार के बीच 50–50 साझा प्रीमियम मॉडल लागू है, लेकिन पूर्वोत्तर एवं कुछ विशेष राज्यों में सरकार 90–100% प्रीमियम सब्सिडी देती है 

💵 3. प्रीमियम दरें एवं सब्सिडी

सरकारी सब्सिडी के साथ किसानों द्वारा दी जाने वाली प्रीमियम दरें इस प्रकार हैं:

| सीज़न      | फ़सल प्रकार       | किसानों की हिस्सेदारी |

| ---------- | ----------------- | --------------------- |

| ख़रीफ़     | खाद्य और तेल दलहन | 2% तक                 |

| रबी        | खाद्य और तेल दलहन | \~1.5% तक             |

| दोनों मौसम | वाणिज्यिक/मालीबल  | 5% तक                 |

कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में यह दरें और भी कम हो सकती हैं


📊 4. दावा प्रक्रिया और मुआवज़ा भुगतान

प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, सूखा, वातानुकूलित तूफ़ान, कीट, रोग आदि)से हुई फसल क्षति पर किसान मुआवज़ा प्राप्त कर सकते हैं  निर्धारित समय-सीमा (जैसे 72 घंटे) के भीतर क्षति की सूचना देना अनिवार्य है 

नुकसान की गणना की प्रक्रिया में अनुमानित और वास्तविक फसल उपज का तुलनात्मक मूल्यांकन शामिल है दावा मंजूर होने परअकाउंट में पैसों का ट्रांसफर कुछ ही दिनों में हो जाता है, अक्सर दो महीने के भीतर 

📡 5. तकनीकी सुधार एवं बजट

सरकार ने 2025–26 तक इस योजना को ₹69,515.71 करोड़ के बजट के साथ जारी रखने का निर्णय लिया है टेक्नोलॉजी जैसे सैटेलाइट, ड्रोन, CCE‑Agri ऐप, रिमोट सेंसिंग का उपयोग करके नुकसान-निर्धारण, क्षेत्र अनुमान और दावा प्रक्रिया को पारदर्शी व तेज़ बनाया गया है 

⚠️ 6. चुनौतियाँ एवं आलोचनाएँ

कई राज्यों में बीमा कंपनियों ने किसानों से जमकर प्रीमियम वसूला लेकिन कई किसानों के दावे आंशिक या पूरी तरह से खारिज कर दिए गए। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में आठ वर्षों में ₹52,969 करोड़ प्रीमियम जमा हुआ, जबकि सिर्फ ₹36,350 करोड़ का वितरण किसानों को हुआ (काफी दावों को ख़ारिज किया गया) 

किसान संगठन कहते हैं कि नुकसान मूल्यांकन “रिवेन्यू सर्किल” स्तर पर होता है — यदि पूरे क्षेत्र में नुकसान हुआ, तभी किसान को मुआवज़ा मिलता है, व्यक्तिगत नुकसान को तुरंत नहीं माना जाता 

हासिल करें लाभ — जरूरी सुझाव

1. जल्दी से जल्दी पंजीकरण कराएं ऑनलाइन या ऑफ़लाइन।

2. 31 जुलाई 2025 तक अपना आधार सही से लिंक करें और e‑KYC पूरा करें।

3. यदि बीमाकृत फसल बदलनी हो — 29 जुलाई तक आवेदन करें।

4. किसी भी फसल क्षति की सूचना तुरंत (अक्सर 72 घंटे के भीतर) दें। हेल्पलाइन नंबर 14447 उपलब्ध है 

📌 सारांश

अंतिम तिथि: 31 जुलाई 2025 तक पंजीकरण व आधार अपडेट

प्रवेश पात्रता: मालिक-विरोधी, पट्टेदार, बटाईदार किसान—all eligible

लागत: सिर्फ 1.5%–2% (खरीफ़/रबी), 5% वाणिज्यिक फसलों पर

प्रकाशन: ₹69,515 करोड़ बजट; तकनीकी उपकरणों से तेज़ मुआवजा

समस्याएँ: कुछ राज्यों में दावा अस्वीकार, क्षेत्रीय नुकसान मूल्यांकन


  

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